Android manifest file and it’s common setting in hindi
हेलो दोस्तों
- आज हम बात करे गे Android manifest file की
- तो दोस्तों किया हे ये Android manifest
file किया इस्तमाल हे किसका किउ ये हर एंड्राइड अप्लीकेशन में जरुरी हे देखते हे आज के इस आर्टिकल में।
- दोस्तों Android manifest file हर एंड्राइड एप्लीकेशन
में होती हे।
- Android manifest file में अलग अलग कई नोड्स का इस्तमाल होता हे जैसेकि
1) Activities
2) Services
3) Content providers
4) Broadcast Receivers
- तो दोस्तों जब हम एंड्राइड में एप्लीकेशन बनाते हे तब हम कई तरह के फिल्टर्स और परमिशन डाल ते हे।
- ये सरे फिल्टर्स और पेर्मिशन्स हम Android manifest
file में डाल
ते हे।
- और हम इस फाइल में मेटाडाटा जैसेकि एप्लीकेशन का आइकॉन और उसकी थीम को भी सेट कर सकते हे।
- दोस्तों एंड्राइड में कई सारे पैकेज और एट्रिब्यूट हे जिसका इस्तमाल हम इस फाइल में कर सकते हे।
- और इस पैकज और एट्रिब्यूट को इस्तमाल कर ने के लिए हम को xmlns:android का इस्तमाल कर ना
पड़
ता हे।
- तो दोस्तों जिसकी मने आपको कहा की इस फाइल में कई नोड्स का इस्तमाल होता हे।
ये
सारे
नोड्स आप के एप्लीकेशन कि सिक्योरिटी ,कंपोनेंट्स ,सेटिंग और क्लास को हेंडल करता हे।
- तो दोस्तों अब बात करते हे इस फाइल के नोड्स के बारे में
Application
- तो दोस्तों सबसे पेले बात करते हे एप्लीकेशन की
- पूरी manifest file में एक ही एप्लीकेशन नोड होता हे
- हमरे एप्लीकेशन के मेटाडेटा जिसकी टाइटल,आइकॉन और थीम को स्पेसिफी कर ने के लिए ये नोड ऐट्रिब्यूट्स का इस्तमाल कर ता हे।
- ये नोड
कंटेनर जैसे काम करता हे जिसमे Activity,Service,Content
Provider और Broadcast Receiver होते हे।
Activity
- तो दोस्तों अब बात कर ते हे Activity की
- हमरे हरे एंड्राइड एप्लीकेशन में एक्टिविटी होती हे।
- और हे एक्टिविटी को डिस्प्ले करने के लिए एक्टिविटी टैग का इस्तमाल करना पड़ता हे
- आप android:name एट्रिब्यूट का उसे करके क्लास का नाम स्पेसिफी कर सकते हे।
- इस क्लास में मैं लांच एक्टिविटी होनी अवसियक हे। इसके अलाव दूसरी एक्टिविटी जो भी आप को दिखानी हो वो भी आप कर सकते हो।
- अगर आप लांच एक्टिविटी के बिना अपना एप्लीकेशन को चलाएंगे तो आपको रन टाइम एरर आयेगा।
Services
- तो दोस्तों अब बात करते हे Services की
- तो दोस्तों सर्विस भी एक्टिविटी की तरह ही एक टैग हे।
- यद् रहे दोस्तों आप को हर क्लास के साथै उसकी सर्विस भी बनानी होगी।
- दोस्तों सर्विस टैग में भी इंटेंट फ़िल्टर नाम का चाइल्ड टैग हे।
Provider
- अब आता हे Provider
- तो दोस्तों प्रोवाइडर टैग का इस्तमाल हमारे डाटाबेस के क्लास को मैनेज कर ने के लिए होता हे
Use-permission
- तो दोस्तो अब बात करते हे Uses-permission की
- तो दोस्तों हमारे एप्लीकेशन में सबसे महत्वपूण पार्ट होता हे सिक्योरिटी का और ये Uses-permission उसकी एक भाग हे
- इस में आप अपने एप्लीकेशन में कोन कोन
सी परमिशन देना चाहते हे उसके बारे में पूछा जाता हे।
- और हे परमिशन आपका यूजर हानि की आपका एप्लीकेशन चलाने वाले से पूछी जाती हे। वो उसे स्वीकार ता हे तब ही आपका एप्लीकेशन चलता हे।
- और हे परमिशन उसे
जब वो आपका एप्लीकेशन इनस्टॉल करता हे तभी पूछी जाती हे।
- लोकेशन सर्विस मैसेज सर्विस ऐसी कई तरह की परमिशन होती हे।
- आप इस परमिशन को अपनी मैनिफेस्ट फाइल में डेक्लेर कर सकते हज।
- परमिशन के लिए आपको परमिशन टैग का इस्तमाल करना पड़ेगा।
Instrumentation
- तो दोस्तों अब आता हे instrumentation
- दोस्तों हे क्लास का इस्तमाल
हमरी एक्टिविटी और सर्विसेज को रन टाइम रन कर ने के लिए होता
- दोस्तों इस क्लास का काम सिर्फ हमारे एप्लीकेशन को मॉनिटर कर ने का हे।
- दोस्तों आप इस टॉपिक का हमारे यूट्यूब का विडिओ भी देख सकते हे।
धन्यावाद
ऋषिता गोस्वामी